Vindhyeshwari Aarti / मां विन्ध्येश्वरी आरती

Vindhyeshwari Aarti

|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||

|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥

श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥

श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥

श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥

श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥

श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥

Vindhyeshwari Aarti

|| आरती श्री विन्ध्येश्वरी जी की ||

सुन मेरी देवी पर्वतवासिनि, तेरा पार न पाया ॥ पान सुपारी ध्वजा नारियल, ले तेरी भेंट चढ़ाया ॥

सुवा चोली तेरे अंग विराजै, केशर तिलक लगाया। नंगे पांव तेरे अकबर जाकर, सोने का छत्र चढ़ाया।।

ऊँचे ऊँचे पर्वत बना देवालय, नीचे शहर बसाया। सत्युग त्रेता द्वापर मध्ये, कलयुग राज सवाया ॥

धूप दीप नैवेद्य आरती, मोहन भोग लगाया।

ध्यानू भगत मैया (तेरा) गुण गावैं, मन वांछित फल पाया ॥

कर्पूरगौरं करुणावतारं |

संसारसारं भुजगेन्द्रहारम् || 

सदा बसन्तं हृदयारविन्दे |

भवं भवानीसहितं नमामि।।

त्वमेव माता च पिता त्वमेव ।
त्वमेव बन्धुश्च सखा त्वमेव ॥ 
त्वमेव विद्या द्रविणम् त्वमेव ।
त्वमेव सर्वम् मम देव देव ॥

त्वमेव सर्वम् मम देव देव ॥

त्वमेव सर्वम् मम देव देव ॥

कायेन वाचा मनसेन्द्रियैर्वा ।
बुद्ध्यात्मना वा प्रकृतिस्वभावात् ।
करोमि यद्यत्सकलं परस्मै ।
नारायणयेति समर्पयामि ॥ 

अच्युतं केशवं रामनारायणं
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरिम् ।
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं
जानकीनायकं रामचंद्रं भजे ॥

Vindhyeshwari Aarti

|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||

|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

 

|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||

|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

 

|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||

|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

 

|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||

|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

 

|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||

|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||

|| बोलो अम्बे माँ की जय ||

|| बोलो साजे दरबार की जय ||

Vindhyeshwari Aarti

|| हर हर हर हर महादेव शिव शम्भो शंकर ||

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26 Oct

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