Ganesh Ji Aarti – जय गणेश जय गणेश देवा लिरिक्स इन हिंदी डाउनलोड

Hare Rama Hare Krishna
4 Min Read
Ganesh Ji Aarti

Ganesh Ji Aarti in Hindi Free Download

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।
माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥

माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥

एकदन्त दयावन्त,
चार भुजा धारी।

एकदन्त दयावन्त,
चार भुजा धारी।


मस्तक सिंदूर सोहे,
मूष की सवारी॥

मस्तक सिंदूर सोहे,
मूष की सवारी॥

पान चढ़े, फूल चढ़े,
और चढ़े मेवा।

पान चढ़े, फूल चढ़े,
और चढ़े मेवा।


लड्डुवन का भोग लगे,
संत करें सेवा॥

लड्डुवन का भोग लगे,
संत करें सेवा॥

Ganesh ji aarti pdf download

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।


माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥

माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥

अंधन को आँख देते,
कोढ़िन को काया।


बाँझन को पुत्र देते,
निर्धन को माया॥

अंधन को आँख देते,
कोढ़िन को काया।


बाँझन को पुत्र देते,
निर्धन को माया॥

Ganesh ji aarti pdf download

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।


माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥

माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥

“सुर” श्याम शरण आए,
सफल कीजै सेवा।

“सुर” श्याम शरण आए,
सफल कीजै सेवा।


माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥

माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥

Ganesh ji aarti pdf download

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।


माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥

दीनन की लाज रखो,
शम्भु सुखकारी।


कामना को पूर्ण करो,
जाऊँ बलिहारी॥

दीनन की लाज रखो,
शम्भु सुखकारी।


कामना को पूर्ण करो,
जाऊँ बलिहारी॥

Ganesh ji aarti pdf download

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।

जय गणेश जय गणेश,
जय गणेश देवा।


माता जाके पार्वती,
पिता महादेवा॥


“कर्पूर गौरं करुणावतारं
संसार सारं भुजगेन्द्र हारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानी सहितं नमामि॥”

अच्युतं केशवं रामनारायणं।
कृष्णदामोदरं वासुदेवं हरि॥
श्रीधरं माधवं गोपिकावल्लभं।
जानकी नायकं रामचंद्रं भजे॥

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥

Ganesh ji aarti pdf download

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥

हरे राम हरे राम,
राम राम हरे हरे।
हरे कृष्ण हरे कृष्ण,
कृष्ण कृष्ण हरे हरे॥

हर हर हर महादेव,
शिव शम्भो शंकरा॥

How to do Ganesh Ji Aarti- गणेश जी की आरती कैसे करें ?

गणेश जी की आरती करने का कोई विशेष दिन या अलग नियम नहीं है। हम चाहें तो रोज़ उनकी आरती कर सकते हैं और उनके आशीर्वाद को प्राप्त कर सकते हैं।
आरती करने की विधि अत्यंत सरल और भावपूर्ण है।

  1. एक पीतल की पंचमुखी आरती लें।
  2. उसमें पाँच कपूर रखें और बीच में एक दीपक जलाएँ।
  3. फिर श्रद्धा और भक्ति के साथ गणपति बप्पा की आरती गाएँ।
  4. अंत में पाँचों कपूर को जलाकर, निम्न श्लोक का गायन करें:

“कर्पूर गौरं करुणावतारं
संसार सारं भुजगेन्द्र हारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे
भवं भवानी सहितं नमामि॥”

  1. आरती पूरी होने के बाद उनकी नज़र उतारें और घर के द्वार के बाहर जाकर वह कपूर रख दें।
  2. इसके बाद भगवान गणेश के सामने आकर तीन बार उठक-बैठक करके क्षमा माँगें, प्रणाम करें और पूजा संपन्न करें।

गणपति आरती: प्रेम और श्रद्धा से जुड़ा काव्य

आरती करने का कोई नियम नहीं,
हर दिन बप्पा संग मिलन यही।
पीतल की थाली, कपूर जलाओ,
भक्ति के दीपक संग गाओ।

“कर्पूर गौरं करुणावतारं,
संसार सारं भुजगेन्द्र हारम्।
सदा वसन्तं हृदयारविन्दे,
भवं भवानी सहितं नमामि॥”

नज़र उतारो, द्वार सजाओ,
गणपति संग मंगल गाओ।
तीन उठक-बैठक कर लो क्षमा,
बप्पा देंगे सुख-सम्पदा।

Follow us on FACEBOOK

Share This Article
Leave a Comment