Maa Saraswati Aarti / माँ सरस्वती आरती

|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||
|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||
ॐ
वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ ।
निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा ॥
श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥
श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥
श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥
श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥
श्री राम रामेति रामेति, रमे रामे मनोरमे ।
सहस्रनाम तत्तुल्यं, रामनाम वरानने ॥
|| आरती श्री सरस्वती जी की ||
आरती करूं सरस्वती मातु, हमारी हो भव भय हारी हो।
हंस वाहन पदमासन तेरा, शुभ्र वस्त्र अनुपम है तेरा।
रावण का मन कैसे फेरा, वर मांगत वन गया सबेरा।
आरती श्री सरस्वती जी की यह सब कृपा तिहारी, उपकारी हो मातु हमारी हो।
तमोज्ञान नाशक तुम रवि हो, हम अम्बुजन विकास करती हो।
मंगल भवन मातु सरस्वती हो, बहुमूकन बाचाल करती हो।
विद्या देने वाली वीणा, धारी हो मातु हमारी।
तुम्हारी कृपा गणनायक, लायक विष्णु भये जग के पालक।
अम्बा कहायी सृष्टि ही कारण, भये शम्भु संसार ही घालक।
बन्दों आदि भवानी जग, सुखकारी हो मातु हमारी।
सदबुद्धि विद्याबल मोही दीजै, तुम अज्ञान हटा रख लीजै।
जन्मभूमि हित अर्पण कीजै, कर्मवीर भस्महिं कर दीजै।
ऐसी विनय हमारी भवभय, हरी, मातु हमारी हो।
|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||
|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||
|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||
|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||
|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||
|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||
|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||
|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||
|| हरे राम हरे राम राम राम हरे हरे ||
|| हरे कृष्ण हरे कृष्ण कृष्ण कृष्ण हरे हरे ||
|| हर हर हर हर महादेव शिव शम्भो शंकर ||
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